Yog Tatva
हजारों वर्ष पहले भारत में ऋषियों (बुद्धिजीवियों और संतों) ने अपनी ध्यानावस्था में प्रकृति और ब्रह्माण्ड की खोज की थी। उन्होंने भौतिक और आध्यात्मिक शासनों के कानूनों का पता किया था और विश्व में संबंधों की अंतर्दृष्टि प्राप्त की थी। उन्होंने ब्रह्माण्ड के नियमों, प्रकृति के नियम और तत्त्वों, धरती पर जीवन और ब्रह्माण्ड में कार्यरत शक्तियों और ऊर्जाओं-बाह्य संसार और आध्यात्मिक स्तर दोनों पर ही, जांच की थी। पदार्थ और ऊर्जा की एकता, ब्रह्माण्ड का उद् गम और प्राथमिक शक्तियों के प्रभावों का वर्णन और स्पष्टीकरण वेदों में किया गया है। इस ज्ञान का पर्याप्त अंश पुनरू खोजा गया और आधुनिक विज्ञान द्वारा उसकी पुष्टि-सत्य अनुभूति की गई है। इन अनुभवों और अंतर्दृष्टियों से एक अति दूरगामी और योग नाम से ज्ञात प्रणाली प्रारम्भ हुई। प्रस्तुत पुस्तक योग तत्व में विभिन्न कोर्स जैसे M.Sc, M.A,B.sc,B.A., Diploma Yogic Science, Certificate in Yogic Science, M.Phil, Ph.D, आदि योग के कोर्स के लिए लिखी गई सर्वश्रेष्ठ पुस्तक हैं इस पुस्तक के अंतर्गत योग का इतिहास, योग का आधुनिक काल, आध्यात्मिक काल नारद भक्ति सूत्र योग, वशिष्ठ संहिता, मंत्र योग, राजयोग, कुंडली योग,योगियों का परिचय,संतो साहित्य में योग का परिचय और आधुनिक समय के योगी की समुचित व्याख्या की गई है। इस पुस्तक योग तत्व को आपकी सेवा में प्रस्तुत किया जा रहा है। विद्यार्थियों व पाठकों को हार्दिक शुभकामनाएं।
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हजारों वर्ष पहले भारत में ऋषियों (बुद्धिजीवियों और संतों) ने अपनी ध्यानावस्था में प्रकृति और ब्रह्माण्ड की खोज की थी। उन्होंने भौतिक और आध्यात्मिक शासनों के कानूनों का पता किया था और विश्व में संबंधों की अंतर्दृष्टि प्राप्त की थी। उन्होंने ब्रह्माण्ड के नियमों, प्रकृति के नियम और तत्त्वों, धरती पर जीवन और ब्रह्माण्ड में कार्यरत शक्तियों और ऊर्जाओं-बाह्य संसार और आध्यात्मिक स्तर दोनों पर ही, जांच की थी। पदार्थ और ऊर्जा की एकता, ब्रह्माण्ड का उद् गम और प्राथमिक शक्तियों के प्रभावों का वर्णन और स्पष्टीकरण वेदों में किया गया है। इस ज्ञान का पर्याप्त अंश पुनरू खोजा गया और आधुनिक विज्ञान द्वारा उसकी पुष्टि-सत्य अनुभूति की गई है। इन अनुभवों और अंतर्दृष्टियों से एक अति दूरगामी और योग नाम से ज्ञात प्रणाली प्रारम्भ हुई। प्रस्तुत पुस्तक योग तत्व में विभिन्न कोर्स जैसे M.Sc, M.A,B.sc,B.A., Diploma Yogic Science, Certificate in Yogic Science, M.Phil, Ph.D, आदि योग के कोर्स के लिए लिखी गई सर्वश्रेष्ठ पुस्तक हैं इस पुस्तक के अंतर्गत योग का इतिहास, योग का आधुनिक काल, आध्यात्मिक काल नारद भक्ति सूत्र योग, वशिष्ठ संहिता, मंत्र योग, राजयोग, कुंडली योग,योगियों का परिचय,संतो साहित्य में योग का परिचय और आधुनिक समय के योगी की समुचित व्याख्या की गई है। इस पुस्तक योग तत्व को आपकी सेवा में प्रस्तुत किया जा रहा है। विद्यार्थियों व पाठकों को हार्दिक शुभकामनाएं।
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by Bijendra Singh
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हजारों वर्ष पहले भारत में ऋषियों (बुद्धिजीवियों और संतों) ने अपनी ध्यानावस्था में प्रकृति और ब्रह्माण्ड की खोज की थी। उन्होंने भौतिक और आध्यात्मिक शासनों के कानूनों का पता किया था और विश्व में संबंधों की अंतर्दृष्टि प्राप्त की थी। उन्होंने ब्रह्माण्ड के नियमों, प्रकृति के नियम और तत्त्वों, धरती पर जीवन और ब्रह्माण्ड में कार्यरत शक्तियों और ऊर्जाओं-बाह्य संसार और आध्यात्मिक स्तर दोनों पर ही, जांच की थी। पदार्थ और ऊर्जा की एकता, ब्रह्माण्ड का उद् गम और प्राथमिक शक्तियों के प्रभावों का वर्णन और स्पष्टीकरण वेदों में किया गया है। इस ज्ञान का पर्याप्त अंश पुनरू खोजा गया और आधुनिक विज्ञान द्वारा उसकी पुष्टि-सत्य अनुभूति की गई है। इन अनुभवों और अंतर्दृष्टियों से एक अति दूरगामी और योग नाम से ज्ञात प्रणाली प्रारम्भ हुई। प्रस्तुत पुस्तक योग तत्व में विभिन्न कोर्स जैसे M.Sc, M.A,B.sc,B.A., Diploma Yogic Science, Certificate in Yogic Science, M.Phil, Ph.D, आदि योग के कोर्स के लिए लिखी गई सर्वश्रेष्ठ पुस्तक हैं इस पुस्तक के अंतर्गत योग का इतिहास, योग का आधुनिक काल, आध्यात्मिक काल नारद भक्ति सूत्र योग, वशिष्ठ संहिता, मंत्र योग, राजयोग, कुंडली योग,योगियों का परिचय,संतो साहित्य में योग का परिचय और आधुनिक समय के योगी की समुचित व्याख्या की गई है। इस पुस्तक योग तत्व को आपकी सेवा में प्रस्तुत किया जा रहा है। विद्यार्थियों व पाठकों को हार्दिक शुभकामनाएं।

Product Details

ISBN-13: 9789391531829
Publisher: Redgrab Books Pvt Ltd
Publication date: 01/11/2022
Pages: 156
Product dimensions: 5.50(w) x 8.50(h) x 0.36(d)
Language: Hindi
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