दोस्तो,
मै, आलोक फोगाट आपके सामने एक मार्मिक कहानी लेकर उपस्थित हुआ हूँ, माँ-बाप कैसे पेट काटकर अपने बच्चों को पढाते हैं फिर समस्या आती है उनका भविष्य बनाने की| उच्च शिक्षा का खर्चा सुनकर तो उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं,कैसे पैसों का इंतजाम होता है, उनकी जिन्दगी में एक अजनबी का भगवान बनकर आना| यही इस कहानी का आकर्षण है|
दोस्तो,
मै, आलोक फोगाट आपके सामने एक मार्मिक कहानी लेकर उपस्थित हुआ हूँ, माँ-बाप कैसे पेट काटकर अपने बच्चों को पढाते हैं फिर समस्या आती है उनका भविष्य बनाने की| उच्च शिक्षा का खर्चा सुनकर तो उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं,कैसे पैसों का इंतजाम होता है, उनकी जिन्दगी में एक अजनबी का भगवान बनकर आना| यही इस कहानी का आकर्षण है|
दोस्तो,
मै, आलोक फोगाट आपके सामने एक मार्मिक कहानी लेकर उपस्थित हुआ हूँ, माँ-बाप कैसे पेट काटकर अपने बच्चों को पढाते हैं फिर समस्या आती है उनका भविष्य बनाने की| उच्च शिक्षा का खर्चा सुनकर तो उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं,कैसे पैसों का इंतजाम होता है, उनकी जिन्दगी में एक अजनबी का भगवान बनकर आना| यही इस कहानी का आकर्षण है|