Rang Gulabi Adhi Abadi ke Adhoore Sapne

Rang Gulabi Adhi Abadi ke Adhoore Sapne

by Ashish Jaiswal
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by Ashish Jaiswal

eBook

$0.99 

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Overview

हम अक्सर सोचते हैं- ‘आधी आबादी’ को अखिर क्या चाहिए? उनके क्या सपने हैं? शायद बस इतना ही कि वो जैसी हैं, उस रूप में रहें और उन्हें स्त्री से पहले एक मनुष्य के रूप में देखा जाये। यह पुस्तक एक पुल है जिसे पार करने पर आपको एहसास होगा कि स्त्री ने प्राचीन काल से अब तक कितनी यात्र तय कर ली है और कितनी बाकी है। हिंदी साहित्यकार महादेवी वर्मा के शब्दों में कहें तो कह सकते हैं कि-
फ्हमें न जय चाहिए, न किसी से पराजय_ न किसी पर प्रभुता चाहिए, न किसी का प्रभुत्व। केवल अपना वह स्थान, वह स्वत्व चाहिए जिनका पुरुषों के निकट कोई उपयोग नहीं है, परन्तु जिनके बिना हम समाज का उपयोगी अंग बन नहीं सकेंगी।
उम्मीद है यह पुस्तक पाठकों की उम्मीदों पर खरी उतरेगी।

Product Details

ISBN-13: 9788194926160
Publisher: Prabhakar Prakshan
Publication date: 08/28/2020
Sold by: Barnes & Noble
Format: eBook
File size: 350 KB
Language: Hindi
From the B&N Reads Blog

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