Naad Sunana Padta Hai...

Naad Sunana Padta Hai...

by Priyanka Mishra
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by Priyanka Mishra

Hardcover

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Overview

प्रियंका मिश्र की कविता का मूल स्रोत प्रकृति है। मिट्टी और पानी संबंधी उनकी कविताओं में जीवन भरा है। प्रकृति के अलावा आराधन, अंतर्मन, संबंध और अभिप्रेरणा संबंधी उनकी कविताएँ इस संग्रह में संकलित हैं । उनकी कविता में समूची धरा के लिए जगह है--पूरी धरा को वैभव से युक्त होना चाहिए। वे धरा को केवल वैभव से भरने के लिए आकुल-व्याकुल नहीं हैं, उनकी काव्य-चिंता यह भी है कि पूरी धरा में प्रेम का परिवेश कैसे निर्मित हो। यह काव्य-चिंता वही कर सकता है, जिसका कविमन वेद ऋचा हो और जो जन्मदाता को ही जीवन समर्पित करता हो : उन्हें समर्पित है यह जीवन, जो जीवन के दाता हैं । मेरा ईश्वर मेरी मम्मी, पापा भाग्य विधाता हैं । प्रियंका की कविता जीवन और मनुष्य को बेहतर व सुंदर बनाने का स्वप्न देखती है | वे जीवन को भौंरों का गुंजन, सागर का मंथन मानती हैं और उससे उपवन को महकाना चाहती हैं। प्रियंका मिश्र की कविता हृदय को स्पर्श मात्र नहीं करती, भीतर उथल-पुथल भी मचा देती है। मन को मुक्त कर देती है। कुछ ऊपर उठा देती है । कविता हमेशा हर तरह के मनुष्य की पीड़ा, उसके दुःख का खात्मा चाहती है। --कृपाशंकर चौबे अध्यक्ष, जनसंचार विभाग महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा

Product Details

ISBN-13: 9789394534339
Publisher: Prabhat Prakashan Pvt Ltd
Publication date: 05/17/2022
Pages: 130
Product dimensions: 5.50(w) x 8.50(h) x 0.44(d)
Language: Hindi
From the B&N Reads Blog

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