Medant : Ek Kadam Achchai Ki Or
मेदान्त, मुंबई में काम कर रहे एक ऐसे युवक की कहानी है जो आज के युग में मानवता के विद्यमान होने का जीता जागता उदाहरण है। ये कहानी आपको मानवता के उन पहलुओं से जोड़ेगी जो कहीं न कहीं आप में भी दबे हैं परन्तु कुछ दुविधाओं के कारण उभर नहीं पाते। ये किताब ऐसी घटनाओं की श्रंखला है जिनके द्वारा ये बखूबी दर्शाया गया है कि एक कॉर्पोरेट में काम कर रहा नौजवान किस प्रकार चंद लोगों की मदद के लिए अपना सब कुछ दाँव पर लगा देता है और किस प्रकार उसके अच्छे कार्य उसे उसकी मंज़िल तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध होते हैं। मेदान्त एक ऐसा पात्र है जो आपको अपने जीवन में कुछ कर गुज़रने की प्रेरणा देगा और आपके रुके कदमों को हौंसला प्रदान करेगा। लेखक का परिचय सलोनी का जन्म १० सितम्बर १९८६ को लखनऊ शहर में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ में ही पूरी की। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने पुणे से फाइनेंस में एम बी ए की डिग्री प्राप्त की। तत्पश्चात उन्होंने ९ साल कॉर्पोरेट में काम किया। लिखने में उनकी रूची हमेशा से थी और यही वजह रही कि उन्होंने लेखन के क्षेत्र में अपना नाम बनाने का फैसला लिया। उन्होंने प्रसिद्ध अखबारों और 'आल इंडिया रेडियो' जैसे मंचों के लिए कई कहानियां, नाटक, लेख और कविताएं लिखीं हैं और उनका प्रस्तुतीकरण भी किया है। हालही में वो अपने उपन्यास पे काम कर रही हैं।
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Medant : Ek Kadam Achchai Ki Or
मेदान्त, मुंबई में काम कर रहे एक ऐसे युवक की कहानी है जो आज के युग में मानवता के विद्यमान होने का जीता जागता उदाहरण है। ये कहानी आपको मानवता के उन पहलुओं से जोड़ेगी जो कहीं न कहीं आप में भी दबे हैं परन्तु कुछ दुविधाओं के कारण उभर नहीं पाते। ये किताब ऐसी घटनाओं की श्रंखला है जिनके द्वारा ये बखूबी दर्शाया गया है कि एक कॉर्पोरेट में काम कर रहा नौजवान किस प्रकार चंद लोगों की मदद के लिए अपना सब कुछ दाँव पर लगा देता है और किस प्रकार उसके अच्छे कार्य उसे उसकी मंज़िल तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध होते हैं। मेदान्त एक ऐसा पात्र है जो आपको अपने जीवन में कुछ कर गुज़रने की प्रेरणा देगा और आपके रुके कदमों को हौंसला प्रदान करेगा। लेखक का परिचय सलोनी का जन्म १० सितम्बर १९८६ को लखनऊ शहर में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ में ही पूरी की। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने पुणे से फाइनेंस में एम बी ए की डिग्री प्राप्त की। तत्पश्चात उन्होंने ९ साल कॉर्पोरेट में काम किया। लिखने में उनकी रूची हमेशा से थी और यही वजह रही कि उन्होंने लेखन के क्षेत्र में अपना नाम बनाने का फैसला लिया। उन्होंने प्रसिद्ध अखबारों और 'आल इंडिया रेडियो' जैसे मंचों के लिए कई कहानियां, नाटक, लेख और कविताएं लिखीं हैं और उनका प्रस्तुतीकरण भी किया है। हालही में वो अपने उपन्यास पे काम कर रही हैं।
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Medant : Ek Kadam Achchai Ki Or

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by Saloni Saurabh
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मेदान्त, मुंबई में काम कर रहे एक ऐसे युवक की कहानी है जो आज के युग में मानवता के विद्यमान होने का जीता जागता उदाहरण है। ये कहानी आपको मानवता के उन पहलुओं से जोड़ेगी जो कहीं न कहीं आप में भी दबे हैं परन्तु कुछ दुविधाओं के कारण उभर नहीं पाते। ये किताब ऐसी घटनाओं की श्रंखला है जिनके द्वारा ये बखूबी दर्शाया गया है कि एक कॉर्पोरेट में काम कर रहा नौजवान किस प्रकार चंद लोगों की मदद के लिए अपना सब कुछ दाँव पर लगा देता है और किस प्रकार उसके अच्छे कार्य उसे उसकी मंज़िल तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध होते हैं। मेदान्त एक ऐसा पात्र है जो आपको अपने जीवन में कुछ कर गुज़रने की प्रेरणा देगा और आपके रुके कदमों को हौंसला प्रदान करेगा। लेखक का परिचय सलोनी का जन्म १० सितम्बर १९८६ को लखनऊ शहर में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ में ही पूरी की। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने पुणे से फाइनेंस में एम बी ए की डिग्री प्राप्त की। तत्पश्चात उन्होंने ९ साल कॉर्पोरेट में काम किया। लिखने में उनकी रूची हमेशा से थी और यही वजह रही कि उन्होंने लेखन के क्षेत्र में अपना नाम बनाने का फैसला लिया। उन्होंने प्रसिद्ध अखबारों और 'आल इंडिया रेडियो' जैसे मंचों के लिए कई कहानियां, नाटक, लेख और कविताएं लिखीं हैं और उनका प्रस्तुतीकरण भी किया है। हालही में वो अपने उपन्यास पे काम कर रही हैं।

Product Details

ISBN-13: 9789354623066
Publisher: True Sign Publishing House
Publication date: 04/20/2023
Sold by: Barnes & Noble
Format: eBook
File size: 669 KB
Language: Hindi
From the B&N Reads Blog

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