Kare Yog rahen Nirog
यूँ तो योग व उसके महत्त्व एवं लाभ पर ढेरों पुस्तकें प्रकाशित हैं, परंतु जब भी हमें उन्हें व्यवहार में लाना होता है यानी किसी रोग को ठीक करने में उनका उपयोग करना पड़ता है तो बहुत मुश्किल हो जाती है, क्योंकि पुस्तक आसन व उसके महत्त्व को ध्यान में रखकर लिखी गयी होती है, रोग व स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर नहीं और एक आसन व प्राणायाम के कई लाभ होते हैं जो विभिन्न रोगों में सहायक होते हैं, परन्तु किस रोग में कौन सा आसन या प्राणायाम करें, उसे याद रख पाना बहुत कठिन हो जाता है। इस पुस्तक की विशेषता ही यह है कि आप अपने रोग की आवश्यकता अनुसार आसन को सरलता से चुन सकते हैं व निर्देश अनुसार कर सकते हैं। यह पुस्तक आपको योग से निरोगी रहने में मदद करती है।
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Kare Yog rahen Nirog
यूँ तो योग व उसके महत्त्व एवं लाभ पर ढेरों पुस्तकें प्रकाशित हैं, परंतु जब भी हमें उन्हें व्यवहार में लाना होता है यानी किसी रोग को ठीक करने में उनका उपयोग करना पड़ता है तो बहुत मुश्किल हो जाती है, क्योंकि पुस्तक आसन व उसके महत्त्व को ध्यान में रखकर लिखी गयी होती है, रोग व स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर नहीं और एक आसन व प्राणायाम के कई लाभ होते हैं जो विभिन्न रोगों में सहायक होते हैं, परन्तु किस रोग में कौन सा आसन या प्राणायाम करें, उसे याद रख पाना बहुत कठिन हो जाता है। इस पुस्तक की विशेषता ही यह है कि आप अपने रोग की आवश्यकता अनुसार आसन को सरलता से चुन सकते हैं व निर्देश अनुसार कर सकते हैं। यह पुस्तक आपको योग से निरोगी रहने में मदद करती है।
1.99
In Stock
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Product Details
ISBN-13: | 9789389851045 |
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Publisher: | Prabhakar Prakshan |
Publication date: | 05/25/2019 |
Sold by: | Barnes & Noble |
Format: | eBook |
File size: | 3 MB |
Language: | Hindi |
From the B&N Reads Blog