प्रस्तुत पुस्तक में विभिन्न विषयों को आधार बना कर कवयित्री द्वारा हाइकु विधा में लघु कविताओं का सृजन किया गया है । हाइकु जापानी काव्य विधा है । इसमें कुल सत्रह वर्ण ही होते हैं । ये कुल तीन पंक्तियों में लिखी जाने वाली लघु आकार की रचनाएं होती हैं । प्रथम पंक्ति में पाँच वर्ण होते हैं । द्वितीय पंक्ति में सात वर्ण तथा अंतिम तृतीय पंक्ति में पुनः पाँच वर्ण होते हैं । इनमें मात्राओं तथा संयुक्ताक्षरों की गणना नहीं की जाती । इन लघु कलेवर की रचनाओं को बहुत कुछ भारतीय काव्य विधा क्षणिका के समकक्ष माना जा सकता है । तो आइये । आनन्द लीजिये इन हाइकु रचनाओं का ।
प्रस्तुत पुस्तक में विभिन्न विषयों को आधार बना कर कवयित्री द्वारा हाइकु विधा में लघु कविताओं का सृजन किया गया है । हाइकु जापानी काव्य विधा है । इसमें कुल सत्रह वर्ण ही होते हैं । ये कुल तीन पंक्तियों में लिखी जाने वाली लघु आकार की रचनाएं होती हैं । प्रथम पंक्ति में पाँच वर्ण होते हैं । द्वितीय पंक्ति में सात वर्ण तथा अंतिम तृतीय पंक्ति में पुनः पाँच वर्ण होते हैं । इनमें मात्राओं तथा संयुक्ताक्षरों की गणना नहीं की जाती । इन लघु कलेवर की रचनाओं को बहुत कुछ भारतीय काव्य विधा क्षणिका के समकक्ष माना जा सकता है । तो आइये । आनन्द लीजिये इन हाइकु रचनाओं का ।
Jugnu: Haiku Sangrah
68Jugnu: Haiku Sangrah
68Product Details
ISBN-13: | 9789354585357 |
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Publisher: | Pencil |
Publication date: | 07/18/2021 |
Sold by: | PUBLISHDRIVE KFT |
Format: | eBook |
Pages: | 68 |
File size: | 6 MB |
Language: | Hindi |