Devi Chaudharani

Devi Chaudharani

by Bankimchnadra Chattopadhyay
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Overview

घर में प्रवेश करने के लिए माँ के कदम नहीं उठ रहे थे। प्रफुल्ल को गरीब लड़की समझकर हरबल्लभ बाबू नफ़रत करते हों, ऐसी बात नहीं थी। शादी के बाद एक घपला हुआ था। हरबल्लभ ने तो गरीब देखकर ही अपने बेटे का विवाह किया था। लड़की बड़ी सुन्दर थी, ऐसी कन्या उन्हें दूसरी जगह कहीं भी नहीं मिली इसलिए वहाँ शादी की थी। इधर प्रफुल्ल की माँ ने भी बेटी के ऊँचे घर में जाने से प्रसन्न होकर अपना सब कुछ ख़र्च कर दिया था। विवाह में उसके पास जो कुछ था, सब स्वाहा हो गया। तब से ही उन्हें अन्न की कमी हो गई थी। लेकिन किस्मत का खेल, इतनी आशा से किया गया ब्याह उलटा ही परिणाम देने लगा। सर्वस्व ख़त्म करके भी उस बेचारी के पास सर्वस्व क्या था- बेचारी विधवा सारी माँगें पूरी न कर सकी। उसने बारातियों को तो अच्छा भोजन कराया पर कन्या-पक्षवालों को सिर्फ़ दही-चिउड़ा ही दे पाई। कन्या-पक्षवाले पड़ोसियों ने इसे अपना अपमान समझा और वे बिना खाए-पिए ही उठ गए। इस कारण प्रफुल्ल की माँ और पड़ोसियों में परस्पर मतभेद पैदा हो गया था। प्रफुल्ल की माँ ने उन्हें गालियाँ दीं। पड़ोसियों ने चिढ़कर एक भयानक बदला ले लिया।

Product Details

ISBN-13: 9789390963140
Publisher: Prabhakar Prakshan
Publication date: 11/03/2021
Sold by: Barnes & Noble
Format: eBook
File size: 2 MB
Language: Hindi
From the B&N Reads Blog

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