Deewaron Ke Saye Mein
तिरिया जनम झन देव' या काहे को दीनो यह मनुआ रामजी, काहे को दीनी यह काया- यह इस कृति का मर्म बिन्दु है जिस में संसार में नारी की स्थिति, पीड़ा, विडम्बना और विसंगतियों को मुखर किया गया है। इसमें वास्तविक नारी चरित्रों पर लिखी अनेक कहानियां भी हैं जिनमें लेखिका ने समाज की और मन की दीवारों से आरंभ करके कारागार की दीवारों तक इन सभी से बंद स्त्री-पुरुषों का मार्मिक चित्रण किया है।
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Deewaron Ke Saye Mein
तिरिया जनम झन देव' या काहे को दीनो यह मनुआ रामजी, काहे को दीनी यह काया- यह इस कृति का मर्म बिन्दु है जिस में संसार में नारी की स्थिति, पीड़ा, विडम्बना और विसंगतियों को मुखर किया गया है। इसमें वास्तविक नारी चरित्रों पर लिखी अनेक कहानियां भी हैं जिनमें लेखिका ने समाज की और मन की दीवारों से आरंभ करके कारागार की दीवारों तक इन सभी से बंद स्त्री-पुरुषों का मार्मिक चित्रण किया है।
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Deewaron Ke Saye Mein

Deewaron Ke Saye Mein

by Pritam Amrita
Deewaron Ke Saye Mein

Deewaron Ke Saye Mein

by Pritam Amrita

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Overview

तिरिया जनम झन देव' या काहे को दीनो यह मनुआ रामजी, काहे को दीनी यह काया- यह इस कृति का मर्म बिन्दु है जिस में संसार में नारी की स्थिति, पीड़ा, विडम्बना और विसंगतियों को मुखर किया गया है। इसमें वास्तविक नारी चरित्रों पर लिखी अनेक कहानियां भी हैं जिनमें लेखिका ने समाज की और मन की दीवारों से आरंभ करके कारागार की दीवारों तक इन सभी से बंद स्त्री-पुरुषों का मार्मिक चित्रण किया है।

Product Details

ISBN-13: 9788170287131
Publisher: Rajpal & Sons
Publication date: 04/01/1997
Pages: 98
Product dimensions: 5.50(w) x 8.50(h) x 0.23(d)
Language: Hindi
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