About the book:
मेरी किताब का नाम है " चाहत "। मैने इस किताब मे सरल हिंदी भाषा का प्रयोग किया है ताकि किसी को पढ़ने यां समझने में कोई भी परेशानी ना हो ।मेरी इक कहानी का किसी व्यक्ति के साथ कोई संबंध नहीं है यह एक काल्पनिक कथा है जो मैंने अपने दिमाग की सोच से लिखी है। इस कहानी के माध्यम से मैंने यह बताने का प्रयत्न किया है की हमें अपनी " चाहतों " पर विराम लगाना चाहिए , क्योंकि हमेशा ज्यादा "चाहतें "हमे विनाश की तरफ लेकर जाती है और उस मोड पर खड़ा कर देती है यहां पर हम सिर्फ अकेले ही रह जाते हैं और हमारे साथ कोई नहीं होता ।
About the author:
मेरा नाम निशा जोशी है। "चाहत " मेरी दूसरी किताब है इससे पहले मैंने " कोख " नाम की एक E book लिखी है ।मैं एक पढ़ी लिखी गृहिणी हूं । मुझे पेंटिंग करना बहुत पसंद है आज भी मुझे जब भी समय मिलता है तो मैं पेंटिंग जरूर करती हूं ।मुझे किताबे लिखने का शौक है । मुझे सामाजिक और इतिहासिक किताबे पढ़ना अच्छा लगता है ।मुझे जातिबाद से बहुत नफ़रत है मुझे समाज में हो रहे औरतों के ऊपर अत्याचार से भी बहुत नफ़रत है आज भी हमारे समाज में औरतों को सम्मान नहीं मिल पा रहा ।जिसके पिछे हमारे समाज की छोटी सोच है जो की हमेशा औरतों को पिचे ही रहना सिखाती है औरतों को भी आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए।