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by ??? ?????? ?????????? (Avadha Naraya?a Srivastava)
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Overview

दस्युरानी गुड़िया की तरह यह किताब भी मार्मिक कहानियों और खट्टे-मीठे संस्मरणों का गुलदस्ता है। विख्यात लेखक के पास कहने को बहुत कुछ होने के साथ-साथ अपनी खुद की भाषाशैली भी है जो हर मोड़ पर हृदय को छूती हुई चलती है। ‘शुभ दृष्टि’ जो कि पुस्तक का टाईटल भी है समकालीन बंगला समाज की आशाओं, अपेक्षाओं और आकांक्षाओं का प्रतिबिम्ब है। ऐसा क्यों होता है कि किसी को वह नहीं मिल पाता जिसके सपने वह भरी जवानी में देखता रहा है? राकेशदा की प्रेमिका थी सोवी घोषाल... शादी होती है शोभा मुखर्जी से। विवाह संध्या को ही राकेशदा, शोभा को अस्वीकार कर देते हैं, लेकिन वही शादी पचासवीं सालगिरह तक पहुँचती है-कैसे? कहानी संग्रह में आठ कहानियाँ हैं जो जीवन में लेखक से साक्षात हुए पावन चरित्रों, कुछ घटित घटनाओं, जज़्बातों, वृक्षों, वनस्पति और पक्षियों के प्रति हमारी उदासीनता. एवं स्त्री-पुरुष संबंधों को कुरेदती है। ‘फुटपाथ पर लगा पेड़’ घायल है, आत्महत्या करने की स्वतंत्रता और इच्छा-मृत्यु का वरदान चाहता है। वो जो उसे चूल्हे की लकड़ी बना देना चाहते हैं कुल्हाड़ियाँ ताने तैयार खड़े हैं, लेकिन कुल्हाड़िया चला नहीं रहे हैं। उनके मन में क्या दुविधा है? क्रिस दिल्ली में मूलचंद क्रासिंग पर मैग्जीनस बेचता है। उसे कम्पनी मैनेजर शांत का रुपयों से भरा पर्स मिलता है जिसे वह कुछ ही दिनों में सुरक्षित शांत को लौटा देता है। फिर ऐसा क्या होता है कि शांत अपना मकान, मोबाईल यह कहते बदलने से इंकार कर देती है कि यदि क्रिस वापस आ गया तो मुझे कहाँ ढूंढेगा? रेहाना कश्मीरी को दिल्ली में पढ़ते सी.बी.एस.ई. परीक्षा में 95% मार्कस् मिलते हैं। श्रीराम कालेज और फिर दिल्ली स्कूल ऑफ ईकॉनामिक्स उसकी मंज़िल हैं। लेकिन उसका शव मिलता है लालचौक, श्रीनगर में । पुलिस नहीं बता पाती कि उसकी मौत बमविस्फोट से हुई या हृदय के पास से छोड़ी गई गोली से। क्या रेहाना की मौत के पीछे कोई राज़ या साजिश है? फक्कड़ चले गए बिना किसी को तकलीफ दिये, इतना भी नहीं कि किसी को उनके शव को चादर में लपेटना पड़ता, चिता पर रखना पड़ता! चले गए खुद की लपेटी चादर में, ठेले पर लावारिस लाश बने... प्रस्तुत है पूर्व राज्यपाल अवध नारायण श्रीवास्तव के सहृदय चिंतन और सशक्त कलम से जन्मी आठ अत्यंत पठनीय कहानियाँ जो पाठकों को जिन्दगी की गहराईयों और उँचाईयों से रूबरू कराएंगी...

Product Details

ISBN-13: 9789355944788
Publisher: Concept Publishing Company Pvt. Ltd.
Publication date: 06/30/2006
Sold by: Barnes & Noble
Format: eBook
Pages: 222
File size: 354 KB
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