bhakola (kahani)

bhakola (kahani)

by ?????? ??????????
bhakola (kahani)

bhakola (kahani)

by ?????? ??????????

eBook

$1.00 

Available on Compatible NOOK devices, the free NOOK App and in My Digital Library.
WANT A NOOK?  Explore Now

Related collections and offers

LEND ME® See Details

Overview

"भकोल" की पत्नी "सौम्या" को नेताइन बनने का शौक चर्राया था। जो नेपाल से सटे नवका गांव की रहने वाली है । समाजिक रूप से पिछड़ी जाति " रेड़ा " की बेटी सौम्या की शादी एक दूसरे समाजिक रूप से पिछड़ी जाति " बहेड़ा " के युवा भकोल से, हो तो गई थी, लेकिन दोनों में कोई जोड़ नही था।
"सौम्या" गोरी, पतली, लंबी और मैट्रिक पास जबकि "भकोल" काला, मोटा, नाटा और अंगूठा छाप। क़िस्मत की मारी सौम्या बेचारी के सपने सारे अधूरे रह गए थे। मैट्रिक की परीक्षा देते समय उसने और आगे पढ़ने के सपने भी देखे थे और पढ़ लिखकर किसी सरकारी बाबू के साथ, सात फेरे लेने के ख्वाब भी संजोए थे। लेकिन क़िस्मत में लिखा था " भकोल " तो सपने तो बिखरने ही थे। उसपर से भकोल बेचारा मंद बुद्धि भी निकला।

"भकोल" की पत्नी "सौम्या" को नेताइन बनने का शौक चर्राया था। जो नेपाल से सटे नवका गांव की रहने वाली है । समाजिक रूप से पिछड़ी जाति " रेड़ा " की बेटी सौम्या की शादी एक दूसरे समाजिक रूप से पिछड़ी जाति " बहेड़ा " के युवा भकोल से, हो तो गई थी, लेकिन दोनों में कोई जोड़ नही था।
"सौम्या" गोरी, पतली, लंबी और मैट्रिक पास जबकि "भकोल" काला, मोटा, नाटा और अंगूठा छाप। क़िस्मत की मारी सौम्या बेचारी के सपने सारे अधूरे रह गए थे। मैट्रिक की परीक्षा देते समय उसने और आगे पढ़ने के सपने भी देखे थे और पढ़ लिखकर किसी सरकारी बाबू के साथ, सात फेरे लेने के ख्वाब भी संजोए थे। लेकिन क़िस्मत में लिखा था " भकोल " तो सपने तो बिखरने ही थे। उसपर से भकोल बेचारा मंद बुद्धि भी


Product Details

BN ID: 2940155250630
Publisher: ?????? ??????????
Publication date: 05/09/2018
Sold by: Smashwords
Format: eBook
File size: 199 KB
Language: Hindi

About the Author

सम्पादक के पद पर कार्यरत

From the B&N Reads Blog

Customer Reviews