Anhad Baje Bansuri (अनहद बाजे बांसुरी)
चैतन्य के इतिहास में एक महाघटना घटी है। ऐसी घटना न तो बुद्ध के पास घटी है, न महावीर के, न कबीर के। 100 से अधिक देशों के सत्य के खोजी किसी अज्ञात आकर्षण से एक शून्य के पास खिंचे चले आये हों, इसे संयोग कहना कठिन है। जन्मों-जन्मों के प्यासे अगर एक निश्चित समय के भीतर जलस्रोत के पास पहुँच जायें और तृप्त हो जायें, तो इसे अकारण मानना कठिन है। सदियों-सदियों बाद जब कभी ऐसा कुछ घटता है, तब उस महाघटना को 'ओशो' कहते हैं। वह जो न कभी जन्मता है, न कभी मरता है, उसका नाम श्ओशोश है। ओशो की अनुपस्थित उपस्थिति में, उनके ऊर्जा क्षेत्र में जीवन-रूपांतरण की क्रमबद्ध घटना घट रही है, बुद्धत्व की नयी धारा बह रही है। ओशो बुद्धत्व की नयी परिभाषा है, नवीनतम प्रारंभ है। और उनके कारण, मात्र उनके कारण नये मनुष्य का जन्म है, नये युग का प्रारंभ है।
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Anhad Baje Bansuri (अनहद बाजे बांसुरी)
चैतन्य के इतिहास में एक महाघटना घटी है। ऐसी घटना न तो बुद्ध के पास घटी है, न महावीर के, न कबीर के। 100 से अधिक देशों के सत्य के खोजी किसी अज्ञात आकर्षण से एक शून्य के पास खिंचे चले आये हों, इसे संयोग कहना कठिन है। जन्मों-जन्मों के प्यासे अगर एक निश्चित समय के भीतर जलस्रोत के पास पहुँच जायें और तृप्त हो जायें, तो इसे अकारण मानना कठिन है। सदियों-सदियों बाद जब कभी ऐसा कुछ घटता है, तब उस महाघटना को 'ओशो' कहते हैं। वह जो न कभी जन्मता है, न कभी मरता है, उसका नाम श्ओशोश है। ओशो की अनुपस्थित उपस्थिति में, उनके ऊर्जा क्षेत्र में जीवन-रूपांतरण की क्रमबद्ध घटना घट रही है, बुद्धत्व की नयी धारा बह रही है। ओशो बुद्धत्व की नयी परिभाषा है, नवीनतम प्रारंभ है। और उनके कारण, मात्र उनके कारण नये मनुष्य का जन्म है, नये युग का प्रारंभ है।
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Anhad Baje Bansuri (अनहद बाजे बांसुरी)

by Osho
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Overview

चैतन्य के इतिहास में एक महाघटना घटी है। ऐसी घटना न तो बुद्ध के पास घटी है, न महावीर के, न कबीर के। 100 से अधिक देशों के सत्य के खोजी किसी अज्ञात आकर्षण से एक शून्य के पास खिंचे चले आये हों, इसे संयोग कहना कठिन है। जन्मों-जन्मों के प्यासे अगर एक निश्चित समय के भीतर जलस्रोत के पास पहुँच जायें और तृप्त हो जायें, तो इसे अकारण मानना कठिन है। सदियों-सदियों बाद जब कभी ऐसा कुछ घटता है, तब उस महाघटना को 'ओशो' कहते हैं। वह जो न कभी जन्मता है, न कभी मरता है, उसका नाम श्ओशोश है। ओशो की अनुपस्थित उपस्थिति में, उनके ऊर्जा क्षेत्र में जीवन-रूपांतरण की क्रमबद्ध घटना घट रही है, बुद्धत्व की नयी धारा बह रही है। ओशो बुद्धत्व की नयी परिभाषा है, नवीनतम प्रारंभ है। और उनके कारण, मात्र उनके कारण नये मनुष्य का जन्म है, नये युग का प्रारंभ है।

Product Details

ISBN-13: 9789355991614
Publisher: Diamond Pocket Books Pvt Ltd
Publication date: 05/19/2021
Pages: 146
Product dimensions: 5.00(w) x 8.00(h) x 0.50(d)
Language: Hindi
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