Amavasya Ki Raatri Tatha Anya Kahaniyan (अमावस्या की रात्रि तथा अन्य कहानिया

Amavasya Ki Raatri Tatha Anya Kahaniyan (अमावस्या की रात्रि तथा अन्य कहानिया

by Premchand
Amavasya Ki Raatri Tatha Anya Kahaniyan (अमावस्या की रात्रि तथा अन्य कहानिया

Amavasya Ki Raatri Tatha Anya Kahaniyan (अमावस्या की रात्रि तथा अन्य कहानिया

by Premchand

Paperback

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Overview

प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी को एक निश्चित परिप्रेक्ष्य और कलात्मक आधार दिया। उन्होंने कहानी के स्वरूप को पाठकों की रुचि, कल्पना और विचार शक्ति का निर्माण करते हुए विकसित किया है। उनकी कहानियों का भाव-जगत् आत्मानुभूत अथवा निकट से देखा है। कहानी - क्षेत्र में वह वास्तविक जगत् की उपज थे। उनकी कहानी की विशिष्टता यह है कि उसमें आदर्श और यथार्थ का गंगा यमुनी संगम है। कथा का रूप घटनाओं और चरित्रों के माध्यम से निरुपित होता है। यहां घटनाएं चौखट और पात्र इसके अन्तः का विकास करने वाले चित्र ।
कथाकार के रूप में प्रेमचंद अपने जीवनकाल में ही किंवदन्ती बन गये थे। उन्होंने मुख्यतः ग्रामीण एवं नागरिक सामाजिक जीवन को कहानियों का विषय बनाया है। उनकी कथायात्रा में श्रमिक विकास के लक्षण स्पष्ट हैं, यह विकास वस्तु, विचार, अनुभव तथा शिल्प सभी स्तरों पर अनुभव किया जा सकता है। उनका मानवतावाद अमूर्त भावात्मक नहीं, अपितु उसका आधार एक प्रकार का सुसंगत यथार्थवाद है, जो भावुकतापूर्ण आदर्शवाद प्रस्थान का पूर्णक्रम, गत्यात्मक क्रम पाठकों के समक्ष रख सका है। उनकी कहानियों को मानसरोवर के आठ खंडों में समाहित किया गया है, जिसे डायमंड पाकेट बुक्स ने आकर्षक आवरण में चार भागों में प्रकाशित किया है। इस पुस्तक में 5 और 6 भाग को लिया गया है। यहां हम उनकी यादगार कहानी अमावस्या की रात्रि एवं अन्य कहानियों को प्रस्तुत कर रहे हैं।

Product Details

ISBN-13: 9789350832875
Publisher: Diamond Pocket Books Pvt Ltd
Publication date: 05/02/2024
Pages: 476
Product dimensions: 5.50(w) x 8.50(h) x 1.06(d)
Language: Hindi
From the B&N Reads Blog

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