अनंत का झरोखा
लोक जीवन सदैव से ही द्वंदों से आच्छादित रहा है द्वंदात्मक स्थितियों से घिरा जीवन परम सुख शांति के आस्वादन से वंचित ही रह जाता है जब-जब मनुष्य की प्रज्ञा ने उस परम निर्द्वंद अस्तित्व की प्रतीति की है, व अलौकिक दिव्य निर्झर में अवगाहन कर सका है ऐसी ही क्षण और प्रसंग का भावोदय होने पर जो अनुभूतियाँ अन्तरंग में उत्पन्न हुई, उन्हें शब्दाकारर रूप में प्रस्तुत करने का एक विनम्र प्रयास है, आपके सुधि करकमलों में
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अनंत का झरोखा
लोक जीवन सदैव से ही द्वंदों से आच्छादित रहा है द्वंदात्मक स्थितियों से घिरा जीवन परम सुख शांति के आस्वादन से वंचित ही रह जाता है जब-जब मनुष्य की प्रज्ञा ने उस परम निर्द्वंद अस्तित्व की प्रतीति की है, व अलौकिक दिव्य निर्झर में अवगाहन कर सका है ऐसी ही क्षण और प्रसंग का भावोदय होने पर जो अनुभूतियाँ अन्तरंग में उत्पन्न हुई, उन्हें शब्दाकारर रूप में प्रस्तुत करने का एक विनम्र प्रयास है, आपके सुधि करकमलों में
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Product Details
ISBN-13: | 9789386619839 |
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Publisher: | Redgrab Books Pvt Ltd |
Publication date: | 07/29/2021 |
Pages: | 80 |
Product dimensions: | 5.50(w) x 8.50(h) x 0.17(d) |
Language: | Hindi |
From the B&N Reads Blog