जब रावण ने कहा जय श्री राम कहानी तो आप जानते हैं, पर ये पात्र नहीं।
यह मोहक कथा आपको प्राचीन महाकाव्य रामायण की एक नई, अज्ञात दृष्टि से रूबरू कराती है, जिसमें अद्भुत वर्णन, शक्तिशाली संवाद और गहरी कहानी के साथ एक बिल्कुल नया और अछूता दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया है। इस यात्रा में अज्ञात पात्र और अनसुने प्रसंगों से मिलिए, जहाँ असली रावण की आत्म-अन्वेषण और मुक्ति की अविश्वसनीय यात्रा सामने आती है। एक अपरिचित संसार में जागते हुए रावण अपने सबसे गहरे पापों का सामना करता है। यह कहानी आपके विश्वासों और धारणाओं को चुनौती देने के साथ-साथ आपकी कल्पना को प्रज्वलित करने के लिए तैयार है।
"जब रावण ने कहा 'जय श्री राम'" में हमारे साथ जुड़ें और महाकाव्य रामायण के छिपे हुए अध्यायों के माध्यम से इस अविस्मरणीय यात्रा पर निकलें।
डॉ. विरूति शिवन
जब रावण ने कहा जय श्री राम कहानी तो आप जानते हैं, पर ये पात्र नहीं।
यह मोहक कथा आपको प्राचीन महाकाव्य रामायण की एक नई, अज्ञात दृष्टि से रूबरू कराती है, जिसमें अद्भुत वर्णन, शक्तिशाली संवाद और गहरी कहानी के साथ एक बिल्कुल नया और अछूता दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया है। इस यात्रा में अज्ञात पात्र और अनसुने प्रसंगों से मिलिए, जहाँ असली रावण की आत्म-अन्वेषण और मुक्ति की अविश्वसनीय यात्रा सामने आती है। एक अपरिचित संसार में जागते हुए रावण अपने सबसे गहरे पापों का सामना करता है। यह कहानी आपके विश्वासों और धारणाओं को चुनौती देने के साथ-साथ आपकी कल्पना को प्रज्वलित करने के लिए तैयार है।
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डॉ. विरूति शिवन

जब रावण ने कहा जय श्री राम: कहानी तो आप जानते ì
146
जब रावण ने कहा जय श्री राम: कहानी तो आप जानते ì
146Product Details
ISBN-13: | 9798227206527 |
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Publisher: | Viruti Shivan |
Publication date: | 11/29/2024 |
Pages: | 146 |
Product dimensions: | 6.00(w) x 9.00(h) x 0.34(d) |
Language: | Hindi |