misri vadyayantra

यह पुस्तक प्राचीन मिस्र के प्रमुख वाद्ययंत्रों, उनकी श्रेणियों, और उन्हें बजाने की तकनीकों का वर्णन करती है।
स पुस्तक में पांच अध्याय हैं:

अध्याय 1: वाद्ययंत्रों के ख़ज़ाने में मिस्र के वाद्ययंत्रों की सामान्य विशेषताओं और ऑर्केस्ट्रा के प्रमुख घटकों को समेटा जाएगा।

अध्याय 2: तार वाले वाद्ययंत्र में प्राचीन मिस्र के तार वाले विभिन्न वाद्ययंत्रों जैसे कि लायर, ट्राई-गोनोन (ज़िथर), हार्प आदि के बारे में जानकारियों को उन्हें बजाने की तकनीक सहित शामिल किया जाएगा; हार्प—बजाने की तकनीकें; प्राचीन मिस्र के गर्दन युक्त तार वाले वाद्ययंत्र —जैसे कि छोटी गर्दन वाली ल्यूट; लंबी गर्दन वाले मिस्री गिटार; और धनुषाकार कमंगा, राबाबा, आदि की सभी निहित क्षमताओं पर प्रकाश डाला जाएगा।

अध्याय 3: वायु-वाद्य में खुले सिरे वाली बांसुरी, आड़ी बांसुरी, पैन बांसुरी, सिंगल रीड पाइप (क्लैरिनेट), डबल पाइप, डबल क्लैरिनेट, डबल ओबोए, अर्गुल तथा अन्य जैसे (बैगपाइप और ऑर्गन); और सींग/तुरहियों आदि को कवर किया जाएगा।

अध्याय 4: तालवाद्य में ड्रम और डफ जैसे झिल्लीदार वाद्ययंत्रों और ताल-छड़ी, खड़ताल, सिस्ट्रम/सिस्त्रा, झांझ, मजीरा, घंटी (झंकार), ज़ाइलोफोन और ग्लॉकेन्सपीएल और मानव अंगों (हाथ, उंगलियां, जांघों, पैर, आदि) जैसे गैर- झिल्लीदार वाद्यों पर प्रकाश डाला जाएगा।

अध्याय 5: संगीत का प्रदर्शन में संगीत प्रदर्शनों को बनाने और निर्देशन में उंगलियों और उनके पोरों के महत्व और भूमिका के बारे में बताया जाएगा साथ ही—लिखित प्रतीकों के उपयोग सहित—तालबद्ध समय/गति को बनाए रखने के विभिन्न तरीकों पर प्रकाश डाला जाएगा।

1128839747
misri vadyayantra

यह पुस्तक प्राचीन मिस्र के प्रमुख वाद्ययंत्रों, उनकी श्रेणियों, और उन्हें बजाने की तकनीकों का वर्णन करती है।
स पुस्तक में पांच अध्याय हैं:

अध्याय 1: वाद्ययंत्रों के ख़ज़ाने में मिस्र के वाद्ययंत्रों की सामान्य विशेषताओं और ऑर्केस्ट्रा के प्रमुख घटकों को समेटा जाएगा।

अध्याय 2: तार वाले वाद्ययंत्र में प्राचीन मिस्र के तार वाले विभिन्न वाद्ययंत्रों जैसे कि लायर, ट्राई-गोनोन (ज़िथर), हार्प आदि के बारे में जानकारियों को उन्हें बजाने की तकनीक सहित शामिल किया जाएगा; हार्प—बजाने की तकनीकें; प्राचीन मिस्र के गर्दन युक्त तार वाले वाद्ययंत्र —जैसे कि छोटी गर्दन वाली ल्यूट; लंबी गर्दन वाले मिस्री गिटार; और धनुषाकार कमंगा, राबाबा, आदि की सभी निहित क्षमताओं पर प्रकाश डाला जाएगा।

अध्याय 3: वायु-वाद्य में खुले सिरे वाली बांसुरी, आड़ी बांसुरी, पैन बांसुरी, सिंगल रीड पाइप (क्लैरिनेट), डबल पाइप, डबल क्लैरिनेट, डबल ओबोए, अर्गुल तथा अन्य जैसे (बैगपाइप और ऑर्गन); और सींग/तुरहियों आदि को कवर किया जाएगा।

अध्याय 4: तालवाद्य में ड्रम और डफ जैसे झिल्लीदार वाद्ययंत्रों और ताल-छड़ी, खड़ताल, सिस्ट्रम/सिस्त्रा, झांझ, मजीरा, घंटी (झंकार), ज़ाइलोफोन और ग्लॉकेन्सपीएल और मानव अंगों (हाथ, उंगलियां, जांघों, पैर, आदि) जैसे गैर- झिल्लीदार वाद्यों पर प्रकाश डाला जाएगा।

अध्याय 5: संगीत का प्रदर्शन में संगीत प्रदर्शनों को बनाने और निर्देशन में उंगलियों और उनके पोरों के महत्व और भूमिका के बारे में बताया जाएगा साथ ही—लिखित प्रतीकों के उपयोग सहित—तालबद्ध समय/गति को बनाए रखने के विभिन्न तरीकों पर प्रकाश डाला जाएगा।

6.5 In Stock
misri vadyayantra

misri vadyayantra

by Moustafa Gadalla
misri vadyayantra

misri vadyayantra

by Moustafa Gadalla

eBook

$6.50 

Available on Compatible NOOK devices, the free NOOK App and in My Digital Library.
WANT A NOOK?  Explore Now

Related collections and offers

LEND ME® See Details

Overview

यह पुस्तक प्राचीन मिस्र के प्रमुख वाद्ययंत्रों, उनकी श्रेणियों, और उन्हें बजाने की तकनीकों का वर्णन करती है।
स पुस्तक में पांच अध्याय हैं:

अध्याय 1: वाद्ययंत्रों के ख़ज़ाने में मिस्र के वाद्ययंत्रों की सामान्य विशेषताओं और ऑर्केस्ट्रा के प्रमुख घटकों को समेटा जाएगा।

अध्याय 2: तार वाले वाद्ययंत्र में प्राचीन मिस्र के तार वाले विभिन्न वाद्ययंत्रों जैसे कि लायर, ट्राई-गोनोन (ज़िथर), हार्प आदि के बारे में जानकारियों को उन्हें बजाने की तकनीक सहित शामिल किया जाएगा; हार्प—बजाने की तकनीकें; प्राचीन मिस्र के गर्दन युक्त तार वाले वाद्ययंत्र —जैसे कि छोटी गर्दन वाली ल्यूट; लंबी गर्दन वाले मिस्री गिटार; और धनुषाकार कमंगा, राबाबा, आदि की सभी निहित क्षमताओं पर प्रकाश डाला जाएगा।

अध्याय 3: वायु-वाद्य में खुले सिरे वाली बांसुरी, आड़ी बांसुरी, पैन बांसुरी, सिंगल रीड पाइप (क्लैरिनेट), डबल पाइप, डबल क्लैरिनेट, डबल ओबोए, अर्गुल तथा अन्य जैसे (बैगपाइप और ऑर्गन); और सींग/तुरहियों आदि को कवर किया जाएगा।

अध्याय 4: तालवाद्य में ड्रम और डफ जैसे झिल्लीदार वाद्ययंत्रों और ताल-छड़ी, खड़ताल, सिस्ट्रम/सिस्त्रा, झांझ, मजीरा, घंटी (झंकार), ज़ाइलोफोन और ग्लॉकेन्सपीएल और मानव अंगों (हाथ, उंगलियां, जांघों, पैर, आदि) जैसे गैर- झिल्लीदार वाद्यों पर प्रकाश डाला जाएगा।

अध्याय 5: संगीत का प्रदर्शन में संगीत प्रदर्शनों को बनाने और निर्देशन में उंगलियों और उनके पोरों के महत्व और भूमिका के बारे में बताया जाएगा साथ ही—लिखित प्रतीकों के उपयोग सहित—तालबद्ध समय/गति को बनाए रखने के विभिन्न तरीकों पर प्रकाश डाला जाएगा।


Product Details

BN ID: 2940155277620
Publisher: Moustafa Gadalla
Publication date: 05/30/2018
Sold by: Smashwords
Format: eBook
File size: 5 MB
Language: Hindi

About the Author

Moustafa Gadalla is an Egyptian-American independent Egyptologist who was born in Cairo, Egypt in 1944. He holds a Bachelor of Science degree in civil engineering from Cairo University.

From his early childhood, Gadalla pursued his Ancient Egyptian roots with passion, through continuous study and research. Since 1990, he has dedicated and concentrated all his time to researching and writing.

Gadalla is the author of twenty-two published internationally acclaimed books about the various aspects of the Ancient Egyptian history and civilization and its influences worldwide. In addition he operates a multimedia resource center for accurate, educative studies of Ancient Egypt, presented in an engaging, practical, and interesting manner that appeals to the general public.

He was the Founder of Tehuti Research Foundation which was later incorporated into the multi-lingual Egyptian Wisdom Center (https://www.egyptianwisdomcenter.org) in more than ten languages. He is also the Founder and Head of the online Egyptian Mystical University (https://www.EgyptianMysticalUniversity.org). Another ongoing activity has been his creation and production of performing arts projects such as the Isis Rises Operetta (https://www.isisrisesoperetta.com); to be followed soon by Horus The Initiate Operetta; as well other productions.

From the B&N Reads Blog

Customer Reviews