यह ग्रंथमाला हमारे महान स्वतंत्रता आंदोलन की एक अनूठी झलक प्रस्तुत करती है। यह दिखाती है कि कैसे आज़ादी के लिए हजारों, लाखों लोगों ने अपने घर-परिवार बर्बाद किए, असंख्य कष्ट झेले और अपने प्राणों को भी न्यौछावर कर दिया। इन लोगों में ऊँचे खानदानों के कुछ बड़े नेता ही नहीं थे, असंख्य ऐसे लोग भी थे जिनकी इतिहास में कोई पहचान नहीं थी और न आगे होगी। दर्जी धोबी, नाई, कुम्हार, लुहार, जुलाहे, कारीगर, मजदूर, किसान, हिन्दू, मुस्लिम, सिख, पारसी, ईसाई सभी जातियों और सभी फिरकों के लोगों ने आज़ादी के यज्ञ में अपनी आहुति दी थी। समग्र ग्रंथावली की योजना इस प्रकार है : खंड एक : बंदीनामा, भाग-1 (दिल्ली जेल) खंड दो : बंदीनामा, भाग-2 (अंडमान जेल) खंड तीन : बंदीनामा, भाग-3 (देवली जेल) खंड चार : शहीदनामा खंड पांच : शाहीनज़रबंदनामा खंड छह : क्रांतिकारी आंदोलन : सुप्रसिद्ध प्रसंग खंड सात : क्रांतिकारी आंदोलन : सुप्रसिद्ध क्रांतिवीर खंड आठ : ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन खंड नौ : नेताजी और आजाद हिंद फौज खंड दस : दिल्ली के स्वतंत्रता सेनानी खंड ग्यारह : अनुक्रमणिका ग्रंथावली में दी गई सामग्री दिल्ली के तत्कालीन चीफ कमिश्नर की होम–पोल सिरीज़ की फाईलों, सुप्रसिद्ध मुकदमों की अदालती कार्रवाई तथा अन्य प्रामाणिक दस्तावेजों पर आधारित है तथा इतिहास के विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और स्वतंत्रता आंदोलन के जिज्ञासुओं के लिए अत्यंत उपयोगी हैं। प्रत्येक पुस्तकालय के लिए ऐतिहासिक महत्व की यह ग्रंथावली संग्रहणीय हैं।