ब्रेक दा रूल किताब जीवन मे कामयाबी ओर खुशी के कुछ गूढ़ रहस्यों का पता लगाती है। यह यह पता लगाती है कि आखिर ज्यादातर लोग अभाव की जिंदगी क्यों जीकर चले जाते है? क्या यह संभव नही कि हर आदमी के सपने पूरे हो और हर आदमी एक पूर्ण जिंदगी जिए?
यह किताब समाज का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण करती है और यह दर्शाती है कि हमारी मुख्य समस्या यह है कि हमे पता ही नही हमे क्या चाहिए? हम वास्तव में जिंदगी भर उन चीजों को आकर्षित करते रहते है जो हमे नही चाहिए।
यह किताब आपके दृश्टिकोण को एक नया मोड़ देगी। आप चीजो को एक नए दृश्टिकोण से देखने लगोगे। आप अपने जीवन मे सही चीजो को आकर्षित करने लगोगे। आपके जीवन मे एक गहरी समझ और नई सूझबूझ पैदा होगी।
इस नई सोच की वजह से आपके अंदर पुराने ढांचे के प्रति विद्रोहों पैदा होगा, आप अब नए नए फैसले लोगे। जहां, पहले आपके जीवन मे उम्मीद थी, अब उसकी जगह ऐक्शन आ जायेगी। इस ऐक्शन की वजह से आपके जीवन मे जीवन उपयोगी जानकारी आएगी।
यही नई जानाकरी आपके जीवन को पूरी तरह से बदल देगी। आपका जीवन रूपांतरित हो जाएगा। अब आपके जीवन मे वही चीजे आएंगी जो आप चाहते हो। आप अब वही करोगे जो आप वास्तव में करना चाहते हो।
कामयाबी क्या है? आप जीवन मे तब कामयाब माने जाते हो जब आप वह सब कर रहे होते हो जो आप जीवन मे वास्तव में करना चाहते हो। पैसा और खुशी तो फिर जीवन मे स्वतः आ जाते है।
जब जीवन की दिशा ठीक हो जाती है तो जीवन की दशा तो अपने आप सुधर जाती है। याद रहे, पैसा और खुशी बाय प्रोडक्ट है। जो चीज मायने रखती है वह तो कुछ और है