'मेरा आकाश' की अद्भुत सफलता के पश्चात् पाठकों के आग्रह पर कुछेक अनुभव और साँझा करने की मंशा जागृत होते ही क़लम चलने लगी। अनुभव बोलने लगे। मैं लिखने लगी। देखते ही देखते साधारण किस्से विशेष बन गए। जीवन भावों का दरिया है। अनुभवों का समंदर है। मैंने महसूस किया कि छोटी-छोटी बातें, बड़े-बड़े सबक सिखा जाती हैं। जीवन में जाने-अनजाने घटित घटनाएँ भी संवेदनशील हृदय पर अपनी गहरी छाप छोड़ देती हैं। जिससे ज़िन्दगी के रास्ते बदल जाते हैं। आवश्यकता है, सकारात्मक रहने की। ज़िन्दगी एक ख़ूबसूरत पहेली है। जितना सकारात्मक देखोगे उतना उत्साह बढ़ता जायेगा वरना उलझने तो कहीं भी कम नहीं हैं। इसी तथ्य की पुष्टि करते हुए मैंने भावी जीवन में घटित घटनाओं के छोटे-छोटे प्रसंग अपनी पुस्तक 'अनुभव बोलते हैं' में साँझा करने की कोशिश की है। पुस्तक की भूमिका लिखने के लिए मैं उच्च कोटि के साहित्यकार आदरणीय 'सागर सियाल्कोटी' जी की हृदयतल से आभारी हूँ, जिन्होंने अपना बहुमूल्य समय इस पुस्तक की नज़र किया और मुझे कृतार्थ। तदुपरांत समय-समय पर मेरी लेखनी को जाँचते रहने व मेरा मार्गदर्शन करने के लिए मैं प्रीत साहित्य सदन के संचालक 'डॉ. मनोजप्रीत' जी की भी आभारी हूँ। दोनों महानुभावों के साथ-साथ मैं अपने पतिदेव व दोनों बच्चों की भी शुक्रगुज़ार हूँ, जो समय-समय पर मुझे लिखने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। इन सभी के साथ-साथ मैं नतमस्तक हूँ अपने इष्ट देवों के देव 'महादेव' के समक्ष जिनकी अपार कृपा से आज मैं इस मुकाम पर हूँ। मेरा आख़िरी व महत्त्वपूर्ण आभार उन पाठकों के लिए है जो अपने निजी जीवन में से फुरसत के लम्हें इस पुस्तक को भेंट करेंगे। पाठकों की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा में.....
'मेरा आकाश' की अद्भुत सफलता के पश्चात् पाठकों के आग्रह पर कुछेक अनुभव और साँझा करने की मंशा जागृत होते ही क़लम चलने लगी। अनुभव बोलने लगे। मैं लिखने लगी। देखते ही देखते साधारण किस्से विशेष बन गए। जीवन भावों का दरिया है। अनुभवों का समंदर है। मैंने महसूस किया कि छोटी-छोटी बातें, बड़े-बड़े सबक सिखा जाती हैं। जीवन में जाने-अनजाने घटित घटनाएँ भी संवेदनशील हृदय पर अपनी गहरी छाप छोड़ देती हैं। जिससे ज़िन्दगी के रास्ते बदल जाते हैं। आवश्यकता है, सकारात्मक रहने की। ज़िन्दगी एक ख़ूबसूरत पहेली है। जितना सकारात्मक देखोगे उतना उत्साह बढ़ता जायेगा वरना उलझने तो कहीं भी कम नहीं हैं। इसी तथ्य की पुष्टि करते हुए मैंने भावी जीवन में घटित घटनाओं के छोटे-छोटे प्रसंग अपनी पुस्तक 'अनुभव बोलते हैं' में साँझा करने की कोशिश की है। पुस्तक की भूमिका लिखने के लिए मैं उच्च कोटि के साहित्यकार आदरणीय 'सागर सियाल्कोटी' जी की हृदयतल से आभारी हूँ, जिन्होंने अपना बहुमूल्य समय इस पुस्तक की नज़र किया और मुझे कृतार्थ। तदुपरांत समय-समय पर मेरी लेखनी को जाँचते रहने व मेरा मार्गदर्शन करने के लिए मैं प्रीत साहित्य सदन के संचालक 'डॉ. मनोजप्रीत' जी की भी आभारी हूँ। दोनों महानुभावों के साथ-साथ मैं अपने पतिदेव व दोनों बच्चों की भी शुक्रगुज़ार हूँ, जो समय-समय पर मुझे लिखने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। इन सभी के साथ-साथ मैं नतमस्तक हूँ अपने इष्ट देवों के देव 'महादेव' के समक्ष जिनकी अपार कृपा से आज मैं इस मुकाम पर हूँ। मेरा आख़िरी व महत्त्वपूर्ण आभार उन पाठकों के लिए है जो अपने निजी जीवन में से फुरसत के लम्हें इस पुस्तक को भेंट करेंगे। पाठकों की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा में.....
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Product Details
BN ID: | 2940179789888 |
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Publisher: | Apna Book Publisher |
Publication date: | 06/25/2024 |
Sold by: | Draft2Digital |
Format: | eBook |
File size: | 3 MB |