About the book:
यह किताब आम जन-मानस में पर्यावरण के प्रति चेतना जागृत करने एवं पर्यावरण शिक्षा के मूल को समझाने के भाव से लिखी गई| लेखकों द्वारा विश्व इतिहास में हुई प्रकृति के प्रति बर्बरता और उससे हुए प्रदूषण तथा हरित अर्थव्यवस्था को नए सामाधान के रूप में दिखाया हैं, एवं विश्व और भारत के पर्यावरनीय कानूनों के चरणबद्ध विकास व उद्येश्य को भी किताब में देखा जा सकता हैं | लेखकों द्वारा उन घटनाओं का भी उल्लेखन किया हैं जिसने पर्यावरण को झिंझोड़ कर रख दया और मानव के नीजी स्वार्थ को तो स्थान दिया और आल्पिक लाभ भी दिए पर पर्यावरण को हुई लम्बी हानि को भी जन्म दिया |
About the author:
लेखक का परिचय :
शुभांग दीक्षित -: समाजिक सेवी व विचारक के रूप में प्रसिद्ध हैं उनके द्वारा पर्यावरण चेतना के लिए कई कार्य किए
गए हैं | यह कई गैर सरकारी संस्थाओं के संस्थापक तथा अध्यक्ष भी रहे हैं व कई गैर सरकारी संस्थाओं में कार्यरत हैं
इनकी शिक्षिक पृष्ट भूमि विज्ञान रही हुई हैं और इन्होने विज्ञान में स्नातक किया हैं|
कुलदीप धाकड़ -; समाज सेवी एवं पर्यावरण विद हैं और पर्यावरण शिक्षा के क्ष्रेत्र कार्यरत हैं और कई गैर सरकारी संस्थानों में प्रमुख सदस्य के रूप में कार्य कर चुके हैं तथा कार्यरत हैं| यह पृथ्वी विज्ञान से स्नातक हैं |